लेखांकन के लाभ निम्नलिखित हैं :-
- कोई भी व्यक्ति कितने भी योग्य क्यों ना हो, सभी बातो को याद नहीं रख सकता है। व्यापार में प्रतिदिन सैकड़ों लेन-देन होते हैं, वस्तुओं का क्रय-विक्रय होता है। ये नकद और उधार दोनों हो सकते हैं , वेतन, मजदूरी, कमीशन आदि के रूप में भुगतान होते हैं। इन सभी को याद रखना कठिन है। लेखांकन इस अभाव को दूर कर देता है।
- लेखांकन से व्यवसाय सम्बन्धित कई मत्वपूर्ण सूचनाएँ प्राप्त होती हैं जैसे :-
- लाभ-हानि की जानकारी होना।
- संपत्ति तथा दायित्व की जानकारी होना।
- कितना रुपया लेना है और कितना रुपया देना है।
- व्यवसाय की आर्थिक स्तिथि कैसी है, आदि।
- अन्य व्यापारियों से झगडे होने की स्तिथि में लेखांकन अभिलेखों को न्यायालय में प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। न्यायालय प्रस्तुत किये गए लेखांकन को मान्यता प्रदान करता है।
- वित्तीय लेखा से कर्मचारियों के वेतन, बोनस, भत्ते आदि से सम्बन्धित समस्याओं के निर्धारण में मदद मिलती है।