ह्रास (Depreciation) की प्रमुख विशषताएँ निम्नलिखित है :-
- ह्रास का अर्थ किसी स्थायी सम्पत्ति (भूमि को छोड़कर) के मूल्य में कमी से होता है।
- ऐसी कमी स्थायी प्रकृति की होती है। ह्रास के कारण सम्पत्ति के मूल्य में एक बार कमी आ जाने पर सम्पत्ति को दुबारा इसके प्रारंभिक मूल्य पर नहीं लगाया जा सकता।
- ह्रास एक शनैः-शनैः और निरंतर होने वाली प्रक्रिया है क्योंकि या निरंतर प्रयोग से या समय व्यतीत होने पर अप्रचलन के कारण सम्पत्ति का मूल्य अवश्य ही कम होता जाता है।
- ह्रास लगाना सम्पत्ति के मूल्यांकन करने की प्रक्रिया नहीं है परन्तु यह सम्पत्ति की लागत को इसके कार्यशील जीवन में बँटवारा प्रक्रिया है।