जो धन व्यवसाय के स्वामी ने व्यवसाय में लगा रखा है उसे पूंजी कहते हैं। स्वामी द्वारा लगाई गयी इस पूंजी सहायता से ही व्यवसाय में माल और सम्पत्तियाँ खरीदी जाती हैं अतः पूंजी की राशि ज्ञात करने के लिए व्यवसाय की सभी चालु और स्थायी समपत्तियों को जोड़कर इसमें से बाह्य देनदारियों को घटा दिया जाता है –
पूँजी = सम्पत्तियाँ – बाह्य देनदारियाँ
जैसे कि एक व्यवसाय की नकदी ₹20,000, मशीनरी ₹50,000, माल ₹1,00,000, देनदार ₹40,000 और लेनदार ₹30,000 हों तो व्यवसाय की पूंजी निम्न होगी –
पूंजी = नकदी ₹20,000 + मशीनरी ₹50,000 + माल ₹1,00,000 + देनदार ₹40,000 – लेनदार ₹30,000 = ₹1,80,000
पूंजी को स्वामित्व की देयता (Owner’s Equity), व्यवसाय का शुद्ध मूल्य (Net Worth) या शुद्ध संपत्ति (Net Assets) भी कहा जाता है।