वह राशि जो व्यवसाय ने अन्य पक्षों को (स्वामी को छोड़कर) देनी है, उसे दायित्व कहते हैं। जैसे देय विपत्र (Bills Payable), लेनदार (Creditors), न चुकाई गयी मजदूरी (Unpaid Wages) भी दायित्व के उदाहरण हैं।
दायित्व को दो भागों में बांटा जा सकता है –
- दीर्घकालीन दायित्व या स्थायी दायित्व (Long term Liabilities or Fixed Liabilities)
- चालू दायित्व (Current Liabilities)
- दीर्घकालीन दायित्व या स्थायी दायित्व (Long term Liabilities or Fixed Liabilities):- ऐसे दायित्व जिनका भुगतान एक लम्बे समय के बाद (एक साल से ज्यादा समय) किया जाना है स्थायी दायित्व कहलाते हैं। जैसे लम्बे समय के ऋण(Long Term Loans) तथा ऋणपत्र(Debentures) आदि।
- चालू दायित्व (Current Liabilities):- ऐसे दायित्व जिनका भुगतान निकट भविष्य में (एक साल के अंदर) ही करना है उन्हें चालु दायित्व कहते हैं। जैसे बैंक अधिविकर्ष (Bank Overdraft), देय विपत्र (Bills Payable), लेनदार (Creditors), न चुकाए गए व्यय (Outstanding Expenses), अल्पकालीन ऋण (Short Term Loans) आदि।